इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को विशेष अदालत से मिली दो साल की कैद की सजा के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल रिवीजन पर ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है. यह आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने दिया है.

मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने साल 2008 में सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने समर्थकों के साथ जाम लगाया था. कोर्ट ने पिता और बेटे दोनों को दो-दो साल की कैद की सजा सुनाई थी. सजा के खिलाफ अपील दाखिल की गई थी, जिसे एमपी एमएलए कोर्ट ने खारिज करते हुए सजा बरकरार रखी. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खान की ओर से सड़क जाम करने के मामले में एमपीएमएलए कोर्ट की ओर से सुनाई गई दो साल की सजा के ​खिलाफ दा​खिल क्रिमिनल रिवीजन पर ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है.

आजम खान को मिली बड़ी राहत
इसी के साथ जहां एक तरफ सड़क जाम मामले में कोर्ट ने रिकॉर्ड समन किया है. वहीं, दूसरी तरफ आजम खान को बड़ी राहत भी मिली है. आजम खान की तरफ से चार मामलों में कोर्ट में बेल एप्लीकेशन लगाई गई थी. इसमें कोर्ट ने तीन मामलों में सपा नेता को रेगुलर बेल दे दी है तो वहीं एक मामले में कोर्ट ने बेल की अर्जी को खारिज कर दिया है. जिन मामलों में आजम खान को रेगुलर बेल मिली है, उनमें दो मामले हेट स्पीच और एक मामला शत्रु संपत्ति का है.

आजम खान के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि तीन बेल स्पेशल जज एमपी एमएलए ने अलग कर दी है. एक बेल रिजेक्ट कर दी है. अभी आजम खान की क्रिमिनल अपील हाई कोर्ट में पेंडिंग है और एक बेल आज रिजेक्ट हुई है.

आजम खान का सियासी सफर
आजम खान साल 1989 में उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए. इसके बाद 1991 में वो जनता पार्टी में शामिल हुए और फिर से विधायक बने. फिर आजम खान ने साल 1992 में सपा की स्थापना में मुलायम सिंह के साथ अहम भूमिका अदा की. 1993 में उन्होंने पहली बार सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

इसके साथ ही साल 1994 में वो सपा के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने रामपुर विधानसभा सीट से 9वीं बार जीत दर्ज की. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी जयाप्रदा को हराया और सांसद बन गए.