गुरुजी का पेड़ प्रेम बना उदाहरण, लोग हो रहे प्रेरित
प्रयागराज। विकास कार्य के नाम पर हजारों पेड़ अगर काटे जा चुके हैं तो प्रकृति के एक अनन्य प्रेमी ने लहर इसके विपरीत बहा दी है। श्याम प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय फाफामऊ से प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त प्रो. गोविंद दास ने व्यक्तिगत तौर पर ऐसे पौधे लगाने का अभियान चला रखा है जिनसे भरपूर आक्सीजन उत्सर्जित होती है। तेलियरगंज से लेकर मजार तिराहा तक यानी पुराना कैंट क्षेत्र में एक साल में 100 से अधिक पौधे लगा चुके हैं और सड़क किनारे गिरकर नष्ट हो रहे 40 ट्री गार्ड को सुव्यवस्थित कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से ली प्रेरणा
तेलियरगंज में रहने वाले प्रो. गोविंद दास ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश से प्रेरित होकर पिछले वर्ष नाग पंचमी के दिन पहला पौधा कदम्ब का, मां के नाम लगाया था। शुरुआत पुराने कैंट की हरित पट्टी से की, वहां पहले से लगे पौधे देखरेख के अभाव में टिक नहीं रहे थे। ट्री गार्ड आदि गिरे थे। इन ट्री गार्ड को उसी स्थान पर व्यवस्थित करने के लिए बांस और सरिया से बांधने लगे। धीरे-धीरे यह अभियान ही बन गया और फिर पौधे पिता, बहन, मित्रों और रिश्तेदारों के नाम पर लगाने लगे।
सिंचाई के लिए ढोते हैं पानी
लगाए गए पौधों को जीवित रखना भी जरूरी है। इसके लिए प्रो. गोविंद दास अपने घर से 50-55 लीटर पानी रोज अपनी गाड़ी से ले जाते हैं। जहां भी पौधे लगे हैं वहां रुकते हैं, कुछ देर पौधों की सेवा करते हैं। ट्री गार्ड में उन्हें सीधा रखने के लिए तमाम उपाय करते हैं और पानी से सींचते हुए आगे बढ़ जाते हैं।
लगा चुके हैं यह पौधे
पीपल, पाकड़, गूलर, जामुन, नीम, अशोक आदि।
बोले, प्रो. गोविंद दास
प्रो. गोविंद दास का कहना है कि पौधारोपण केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित न होकर जनांदोलन व जीवन का उद्देश्य बनना चाहिए। इसके अभीष्ट की प्राप्त तब ही हो सकेगी। पारिस्थितिकी, पर्यावरण और जैव विविधता के संतुलन में सभी को अपना योगदान देना चाहिए।