मुश्किल वक्त को याद कर भावुक हुईं सामंथा, बोलीं- मुझमें नहीं थी आगे बढ़ने की हिम्मत
सामंथा रुथ प्रभु एक बेहतरीन अभिनेत्री होने के साथ-साथ अपनी बातों को खुलकर रखने के लिए भी जानी जाती हैं। वो अपने तलाक से लेकर अपने स्वास्थ्य तक पर खुलकर बोलती हैं। अब अभिनत्री ने अपने उन दिनों को याद किया जब कुछ भी उनके पक्ष में नहीं जा रहा था और वो काफी परेशान थीं। उन्होंने बताया कि उस समय उन्हें सबसे बुरे ख्याल आते थे। फिर कैसे उन्होंने इस पर काबू पाया और इससे उन्हें क्या सीखने को मिला, इसके बारे में भी उन्होंने बात की।
‘एक साल काफी कठिन था’
हाल ही में बातचीत में सामंथा ने अपने परेशान करने वाले दौर का जिक्र किया। अभिनेत्री ने कहा, “मुझे याद है कि एक बार मैं वाकई में उस मोड़ पर पहुंच गई थी, जहां मैंने सोचा था कि बस मैं अब और नहीं कर सकती। मेरे मन में सबसे बुरे विचार आए। जाहिर है कि मुझमें आगे बढ़ने और ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी। यह एक साल तक कठिन था। ऐसा कुछ भी नहीं था जो काम कर रहा था, कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था।”
‘मुझे मुश्किलों ने बहुत कुछ सिखाया’
सामंथा ने इन विचारों पर काम न करने और उनसे निपटने के लिए क्या किया और कैसे इनसे पीछा छुटाया, इसको लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “मैंने स्पष्ट रूप से हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि इन विचारों पर काम करने के लिए आपके पास बहुत हिम्मत होनी चाहिए। इसलिए मैंने सोचा मुझे किसी तरह इस सबसे बचने का तरीका ढूंढना होगा। साथ ही अपने जीवन में और चीजों के बारे में सोचना शुरू करना होगा। अब, जब लोग कहते हैं कि वे कठिन समय से गुजर रहे हैं, तो मैं वास्तव में उन्हें इससे गुजरने के लिए कहती हूं। इससे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। मुझे मेरी सफलता ने नहीं है, बल्कि मेरी असफलताओं और कठिनाइयों ने सिखाया है।”
सामंथा के प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म हुई रिलीज
वर्कफ्रंट की बात करें तो सामंथा रूथ प्रभु को आखिरी बार निर्देशक राज और डीके की ‘सिटाडेल: हनी बनी’ में देखा गया था। इसमें उनके साथ वरुण धवन प्रमुख भूमिका में नजर आए हैं। वह अब ‘रक्त ब्रह्मांड’ और तेलुगु फिल्म ‘बंगारम’ पर काम कर रही हैं। सामंथा ने हाल ही में अपने प्रोडक्शन हाउस के तहत पहली फिल्म ‘सुभम’ बनाई है। इसमें उन्होंने एक कैमियो भी किया है।