मधेश्वर महादेव धाम, शिव महापुराण कलश यात्रा में 15 हजार से अधिक महिलाएं हुई शामिल, लाखों श्रद्धालु आ रहे कथा सुनने
जिले के मयाली स्थित प्रसिद्ध प्राकृतिक विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मधेश्वर महादेव के पास भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है, महाशिवपुराण कथा के आयोजन ने इस पवित्र स्थल को और अधिक दिव्यता से भर दिया है, श्रद्धा का रंग इस कदर चढ़ चुका है कि लोग इसे अब शिवलोक कहने लगे हैं. कथा के प्रारंभ से पहले कुनकुरी के बेलजोरा नदी से लेकर मयाली कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई.
वहीं आयोजन समिति के सदस्य विष्णु सोनी ने बताया कि इस कलश यात्रा में 11 हजार लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यहां 15 हजार से भी अधिक महिलाएं सिर पर कलश रखकर हर-हर महादेव और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जयकारों के साथ आगे बढ़ी, पूरा वातावरण शिवमय हो गया. इस पवित्र यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय भी शामिल हुईं. कलश यात्रा के बाद महाशिवपुराण कथा वाचक श्री प्रदीप मिश्रा जी महाराज का आगमन हुआ. वहीं 21 मार्च से 27 मार्च तक दोपहर 01 बजे से शाम 05 बजे तक प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा महाशिवपुराण कथा का वाचन किया जाएगा.
यह स्थान शिव भक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थ बनता जा रहा है
आयोजक समिति के प्रमुख राजीव रंजन नंदे ने कहा कि मयाली में स्थित विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग आस्था का केंद्र बन चुका है, यहां आने वाले श्रद्धालु इसे किसी शिवलोक से कम नहीं मानते. कहते हैं कि इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन मात्र से जीवन धन्य हो जाता है. प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी जब यहां पहुंचे तो हेलीकॉप्टर से मधेश्वर महादेव शिवलिंग पर जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया और बताया कि महाशिवपुराण कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. यहां प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु शिव की भक्ति में लीन होकर शिव महापुराण सुनेंगे और कथा के दौरान रोज पार्थिव शिवलिंग का निर्माण होगा और 27 मार्च को विधि विधान से विसर्जित किया जाएगा. मयाली की पावन भूमि शिवधाम जैसी अनुभूति करा रही है. इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ, मधेश्वर महादेव शिवलिंग पर आस्था का रंग पूरी तरह चढ़ चुका है और यह स्थान शिव भक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थ बनता जा रहा है.